क्या AI आदमी की तरह सोच सकता है?

AI ने आदमी जैसी बातचीत और काम करने में तरक्की की है।   लेकिन क्या वो सच में आदमी की तरह सोच सकता है? आगे देखते हैं।

Turing Test, AI के मूल्यांकन का स्वर्ण मानक रहा है।  लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये पर्याप्त नहीं है।

GPT-4 ने भाषा से जुड़े टेस्ट में शानदार काम किया है।  लेकिन कुछ लोगों ने इसकी समझ के बारे में सवाल उठाए हैं।

GPT-4 जैसे मॉडल भाषा तो अच्छी तरह समझ लेते हैं, लेकिन समझने में अभी कमियां हैं।

साल 2019 में ARC TEST शुरू हुआ जो AI के तर्क और चित्र समझने की क्षमता की जांच करता है।

Concept Arc ने ARC TEST को आगे बढ़ाया।  लेकिन AI और इंसान में फर्क अभी बना हुआ है।

AI का मूल्यांकन करने के लिए एक ही परीक्षण काफी नहीं है।  अलग-अलग पहलुओं की जांच ज़रूरी है।

AI को इंसान जैसा ना समझकर उसकी खास क्षमताओं की सराहना करनी चाहिए।

AI तकनीक आगे बढ़ने पर भी इसकी क्षमता का आकलन जारी रहेगा।

AI की सीमाएं समझते हुए भविष्य में इसका फायदा उठाने की ज़रूरत है।